वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-एमआरएसए संक्रमण शरीर के लिए ज्यादा खतरनाक है। यह चर्म रोग का खतरा पैदा करता है। इस बैक्टीरिया से शुरू में शरीर में लाल धब्बे होते हैं, जो धीरे-धीरे दर्दनाक फोड़े के रूप में तब्दील हो जाते हैं। वलेबसिएला न्यूमोनिया बैक्टीरिया पेट में गड़बड़ी पैदा करता है।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के हर वार्ड में बैक्टीरिया का खतरा मंडरा रहा है। इमरजेंसी वार्ड से लेकर आईसीयू और ओटी तक में गंभीर तरह के बैक्टीरिया मिले हैं। इससे हड़कंप मचा है। बीआरडी के कल्चर जांच में यह सामने आया है। बताया जा रहा है कि ये बैक्टीरिया मरीजों के जरिए ही वार्ड में पहुंचे हैं। कॉलेज प्रशासन ने सभी वार्डों को विसंक्रमित कर दिया है। साथ ही सख्त निर्देश दिया है कि हर वार्ड की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखा जाए, जिससे की बैक्टीरिया का दुष्प्रभाव मरीजों पर न हो सके।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज कॉलेज सभी महत्वपूर्ण वार्डाें की कल्चर जांच कराता है। इससे यह जानने की कोशिश की जाती है कि अस्पताल में आने वाले मरीज किस तरह के बैक्टीरिया से पीड़ित हैं और वार्ड में कौन-कौन से बैक्टीरिया हैं। इस बार की जांच में ऑपरेशन थियेटर, आईसीयू और इमरजेंसी समेत, हड्डी रोग, सर्जरी और स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग शामिल किए गए। इन वार्डाें में काफी गंभीर तरह के बैक्टीरिया मिले हैं, जो व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करने पर कई तरह की गंभीर बीमारी दे सकते हैं।
बताया जा रहा है कि स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में एमआरएसए बैक्टीरिया मिला है। इसके अलावा वलेबसिएला न्यूमोनिया बैक्टीरिया भी मिला है, जो शरीर के लिए नुकसानदायक है। हालांकि, भर्ती मरीजों में यह बैक्टीरिया नहीं मिले हैं। इस पर कॉलेज प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
नेहरू अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राजेश राय ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में हर दिन ओपीडी में 4500 से पांच हजार के बीच मरीज आते हैं। ये मरीज हर वार्ड में इलाज के लिए पहुंचते हैं। यही कारण है कि हर वार्ड की कल्चर जांच कराई जाती है, जिससे की बैक्टीरिया की सही जानकारी मिल सके और वार्ड को विसंक्रमित किया जा सके। हर दिन वार्ड में साफ-सफाई कराई जाती है।
एमआरएसए संक्रमण से चर्म रोग का खतरा
एमआरएसए संक्रमण शरीर के लिए ज्यादा खतरनाक है। यह चर्म रोग का खतरा पैदा करता है। इस बैक्टीरिया से शुरू में शरीर में लाल धब्बे होते हैं, जो धीरे-धीरे दर्दनाक फोड़े के रूप में तब्दील हो जाते हैं। वलेबसिएला न्यूमोनिया बैक्टीरिया पेट में गड़बड़ी पैदा करता है। इससे दर्द और अन्य समस्याएं होती हैं। इसके अलावा जांच में ई-कोली और स्यूडोमोनस बैक्टीरिया भी मिला है। ई-कोली बैक्टीरिया स्वस्थ लोगों और जानवरों की आंतों में रहते हैं। इनके शरीर में प्रवेश होने पर पेट में दर्द, खूनी दस्त, उल्टी शुरू हो जाती है। यह बैक्टीरिया भी मिला है। वहीं, स्यूडोमोनस बैक्टीरिया कम प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों के शरीर पर दुष्प्रभाव डालता है।